कोरोना की वजह से हम सबकी जिंदगी बहुत प्रभावित हुई है। लेकिन हमसे भी ज्यादा प्रभावित अर्थव्यवस्था हुई है। भारत सहित दुनियाँ के सभी बड़े देशो की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का बहुत बुरा असर पड़ा है। इसलिए आज आपके लिए लाए है भारतीय अर्थव्यवस्था पर covid-19 के प्रभाव essay. जिसमें हम सब प्रभाव के बारे में जानेंगे। इस Essay को कक्षा 6,7,8,9,10,11,12 के Students Use कर सकते हैं।
प्रस्तावना.
सर्विस सेक्टर हो रहे प्रभावित
जैसा कि आप जानते हैं कोरोनावायरस की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान सर्विस सेक्टर का हुआ है, क्योंकि जब पूरे देश में लॉकडाउन लग जाता है, तब सभी प्रकार की फैक्ट्री, ऑफिस, मॉल्स, व्यापार इत्यादि सभी चीज बंद हो जाती हैं। कितने ही लोग ऐसे हैं जो लॉकडाउन होने पर अपने घर लौट गए थे, जैसे कि मजदूर, मिस्त्री, उन लोगों के पास अब रोजगार भी नहीं है। इसके लिए सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाना होगा और सभी लोगों को रोजगार देना आवश्यक है। अगर वह इस पर ध्यान नहीं देंगे तो लोगों की आर्थिक स्थिति और भी खराब होती जाएगी।
इसी के साथ छोटे-छोटे विक्रेता, फेरीवाले, कलाकार, लघु उद्योग करने वाले और भी कई अन्य लोग हैं, जिन्हें अपना काम बंद करना पड़ा। इसी के साथ होटल, पर्यटन स्थल वाले उन्हें इन सभी की आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। उन सभी के लिए यह समय बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि जब जब लॉकडाउन लगता है, तब तब उन लोगों की अर्थव्यवस्था को धक्का पहुंचता है।
कोरोनावायरस की वजह से आयात पर हुआ प्रभाव
कोरोनावायरस की वजह से हवाई यात्रा, शेयर बाजार, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, सहित लगभग हर क्षेत्र बहुत ही अधिक प्रभावित हुए हैं।
इसकी वजह से अमेरिका अर्थव्यवस्था, चीनी अर्थव्यवस्था, वैश्विक आर्थिक इंजन के रूप में जिन्हें जाना जाता है, वह भी बहुत ही अधिक प्रभावित हुई हैं।
अन्य प्रभाव
इसी के साथ फार्मा क्यूटिकल, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, और अन्य कई उद्योग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
निर्यात जिसे अर्थव्यवस्था का इंजन कहा जाता है, इसमें बहुत यदि वैश्विक मंदी की स्थिति और गिरावट देखी जा रही है, इसी के साथ निवेश में भी बहुत अधिक गिरावट आ रही है।
कोरोनावायरस की वजह से भारत की प्रमुख कंपनियां जैसे कि लार्सन एंड टर्बो, भारत टॉर्च, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला समूह, टाटा मोटर्स इत्यादि कई कंपनियां बहुत ही घाटे में गई है। इनका अच्छी तरह से परिचालन नहीं हो पा रहा है। जैसे-जैसे फंडिंग कम होती जा रही है, वैसे-वैसे अधिक से अधिक युवा प्रभावित हो रहे हैं। इसी के साथ शेयर बाजार में भी काफी अधिक नुकसान दर्ज किया गया है।
इसी के साथ दिल्ली जैसे बड़े राज्यों में लाइट और रोशनी की चमक कम देखी गई। उसमें बहुत ही अधिक गिरावट आई। इसी के साथ भारत की मेट्रो में भी बहुत अधिक गिरावट आई थी।
कोरोनावायरस की वजह से किसानों को अभी बहुत ही अधिक नुकसान उठाना पड़ा था क्योंकि 10% किसान अपनी फसल नहीं काट पाए थे, और 60% अपनी फसल काटने के बाद भी नुकसान उठाए क्योंकि, उनका माल बाजार में सही दाम पर नहीं बिका जिसकी वजह से उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
इसी के साथ कई बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियों को भी बहुत ही अधिक नुकसान झेलना पड़ा जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट इत्यादि कंपनियों ने समस्याओं का सामना किया क्योंकि, संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से किसी भी प्रकार की कोई ऑनलाइन डिलीवरी नहीं हो रही थी, इसीलिए उनको भी काफी हद तक नुकसान उठाना पड़ा। अब भी जब जब वह करोनावायरस बढ़ जाता है, तब तक सभी लोगों को बहुत ही ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है।
इसके अलावा निकट भविष्य में पूंजीगत व्यय के साथ-साथ सरकारी योजनाओं में कटौती करने और वेतन भुगतान के वैकल्पिक तरीके खोजने के लिए सरकारों को भी बहुत ही अधिक नुकसान उठाना पड़ा। 2019 में सरकार कुछ क्षेत्र में ऋण लेने की योजना बना रही थी, परंतु जब यह करोना वायरस आया तब सरकार ने अपने पैर पीछे हटा लिए क्योंकि, उन्हें पहले ही अंदाजा हो गया था कि यह महामारी लंबे समय तक चलने वाली है।
इस समय भी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में लगे हुए हैं, क्योंकि अर्थव्यवस्था में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। अर्थव्यवस्था को जीवित रखने के लिए धन की आवश्यकता है, परंतु सरकार यह सोचती है कि धन कहां से लिया जाए क्योंकि, करोना वायरस की वजह से सभी तरह के आयात और निर्यात बंद कर दिए गए हैं। जितना भी माल या सामान बाहर देश से आ रहा था, उन सभी पर लॉकडाउन के समय पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिसकी वजह से भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
लॉकडाउन के चलते कई प्रकार के खाद्य पदार्थ का स्टोरेज भी खत्म हो गया था, जिसकी वजह से कई लोगों को परेशानियां हुई थी, और यह आर्थिक अर्थव्यवस्था निरंतर गिरती हुई दिखाई दे रही है, जिसकी वजह से सभी लोग बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
हर समय लोगों को यही डर लगा रहता है, कि उनकी नौकरी कब चली जाए। सभी लोगों की नौकरी खतरे में रहने लगी है, और उन्हें आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नौकरी की सबसे ज्यादा आवश्यकता है, परंतु यह बात करोना वायरस पर निर्भर करती है। अगर आने वाले समय में करोना बढ़ता हुआ दिखाई देगा, तो फिर से लॉकडाउन लगने की संभावना है, जिसकी वजह से आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी।
निष्कर्ष
जैसा कि हमने बताया हमें आर्थिक स्थिति को संभालना होगा। अगर यह स्थिति समय रहते नहीं संभाली गई तो, आने वाले समय में लोगों के पास खाने तक को राशन नहीं होगा, इसीलिए हम सब को इस बीमारी से लड़ कर उसे हराना है और अपनी आर्थिक स्थिति को संतुलित बनाना है।
आशा करते हैं आपको भारतीय अर्थव्यवस्था पर covid-19 के प्रभाव essay पसंद आया होगा। अगर इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।
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