कोरोना से होने वाली हानि
दोस्तों पहली बार दुनिया में कोरोना जैसे महामारी देखने को मिली जिसने लगातार 2 साल तक लोगो का जीना हराम कर दिया है.इस समय पूरी दुनिया में न जाने कितने करोड़ लोगो की जान इस खतरनाक कोरोना वायरस की वजह से गयी है और लाखो लोगो से उनका बेरोजगार तक छिन गया. जो लोग दिहाड़ी मजदूरी करने अपने गाँव और घर को छोडकर दूसरी जगह पर रह रहे थे वे रातो रात अपने घर के लिए रवाना हो गये.
हजारो लोग पैदल ही कई किलोमीटर अपने बीबी बच्चो के साथ घर के लिए चल पड़े. भूखे प्यासे लोग नौकरी चले जाने की वजह से गरीबी का जीवन जीने को मजबूर हो गये.जहाँ कुछ कर्मचारी घर पर बैठकर ऑनलाइन काम करके अपनी सैलरी पा रहे थे वहीँ रिक्शे,रेडी और ऑटो ड्राईवर का रोजगार ठप्प हो गया था.
कोरोना में होने वाले नुकसान
बेरोजगारी
मानसिक तनाव
व्यापार ठप्प
कम्पनियां और कारखाने बंद
आधा स्टाफ निकाल दिया गया
हवाई यात्राएं बंद
लोगो का बाहर जाना बंद
कोरोना वायरस की वजह से क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग IPL को भी टाल दिया गया था इसके साथ कई और खेल भी रद्द कर दिए गये. मनोंरजन के लिए टीवी और मोबाइल ही एक जरिया रह गया था.
सामजिक हानि
देश में कोरोना के बाद समाज में काफी बदलाव देखने को मिला है. लोग घर से बहुत कम निकलने लगे उन्हें जब कोई काम होता तभी वे घर से बाहर निकलते.
सडके बेजान हो गयी थी प्रदुषण न के बराबर हो गया था.चारो तरफ पक्षियों की आवाज से वातावरण गूंज उठा था और हर तरफ हरियाली देखने को मिल रही थी.शादियों में भीड़ की बजाय केवल 10 से 20 लोगो की संख्या कर दी गयी थी. शोर शराबे की जगह अब शांति वाला माहौल देखने को मिला. लेकिन इससे लोगो को काफी नुक्सान ही उठाना पड़ा है.
व्यापारिक नुकसान
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया को काफी नुक्सान हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उन गरीब लोगो को हुआ है जो हर दिन पेट भरने के लिए काम करते थे.कई फैक्ट्रियां बंद होने की वजह से लाखो लोग बेरोजगार हो गये थे.
ऑफिस या अन्य दूसरी जगहों पर काम करने वाले स्टाफ की संख्या को आधा कर दिया गया था.लॉक डाउन के समय सबसे ज्यादा नुक्सान व्यापार में हुआ है.नौकरियां चली जाने की वजह से लोगो को खाने पीने में काफी दिक्कत हुई है और इसमें गरीब लोगो की संख्या सबसे ज्यादा रही है.लोगो को एक समय का खाना भी नही मिल पा रहा था जिसकी वजह से काफी लोगो की जाने भी गयी है.
आर्थिक नुकसान
दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है जिसमे भारत,जापान ऑस्ट्रेलिया के शेयर बाज़ारों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है.काफी समय बाद भारतीय शेयर बाज़ार वापस सही हुआ है.बीते साल कोरोना के चलते भारत में 3300 अंको की गिरावट के बाद 1300 की बढत के साथ शेयर बाज़ार बंद हो गया था.इससे पहले गिरावट के बाद BBC और NSE में 45 मिनट के लिए Trading को भी बंद किया गया था. कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा ट्रेवल कम्पनियों के शेयर प्रभावित हुए है.
वहीँ वर्ल्ड ट्रेवलर और tourism काउंसलर ने चेतवानी देते हुए कह दिया था कि पर्यटन क्षेत्र की 5 हजार करोड़ की नौकरियों पर खतरा भी मंडरा रहा था. वहीँ यात्रा ट्रेवल बंद होने के कारण 4000 से ज्यादा हवाई उड़ाने रद्द हुई थी लोगो के काम काज रूक गये थे.देश की आर्थिक अर्थव्यवस्था को 40,000 करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हुआ है.
शारीरिक नुकसान.
भागती दौडती जिन्दगी अचानक से रूक गयी जहाँ कर्मचारी को पहले हफ्ते में एक छुट्टी मिलती थी वहीँ वे पूरा साल घर में बैठने को मजबूर हो गये. घर से बाहर जाना बैन हो गया था जिसकी वजह से लोगो को मानसिक तनाव होने लगा था. लाखो लोगो के मन में डर,चिंता और अकेलापन महसूस होने लगा. घर में किसी को थोड़ी सी खांसी, बुखार या जुखाम होने पर कोरोना का खतरा लगा रहता और जिस व्यक्ति के शरीर में इस तरह का कोई एक भी लक्षण दिखाई दे उससे लोग दुरी बना लेते थे.
कोरोना वायरस से लोग इस कद्र परेशान हो गये थे उन्हें बार बार बुरे ख्याल आने शुरू हो गये थे. हर वक्त नौकरी चले जाने का डर, चिंता,गुस्सा और चिडचिडापन जैसे ही लक्षण लोगो में देखने को मिले है.
शैक्षणिक नुकसान
कोरोना वायरस की वजह से स्कूल कॉलेज पूरा साल बंद रहे है इससे बच्चो को ऑनलाइन पढाई के सिस्टम के जरिये अध्यापको ने क्लास दी है.कोरोना महामारी से सब बर्बाद हो गया स्कूल–कॉलेज बंद, पार्क रेस्टोरेंट बंद एक तरह का देश में लॉकडाउन लग गया.
सबकुछ बंद हो जाने से मनुष्य घर की चार दीवारों में कैद हो गया था.जब घर बैठे बैठे लोगो का लगने लगा अब ज्यादा ही हो गया है तो उन्होंने नये नये तरीको से पैसे कमाने का जुगाड़ लगाना शुरू किया जिसमे शेयर बाज़ार में सबसे ज्यादा पैसा लोगो ने लगाया है. जिन स्कूल और कॉलेज के campus में मोबाइल आज से पहले निषेध थे वे अब मोबाइल पर ही स्कूल खोलकर बैठ गये.
एक तरह से पूरी दुनिया मोबाइल और इन्टरनेट के बीच शिफ्ट हो गयी.कई जगह तो परीक्षाएं भी ऑनलाइन करवाई गयी और छोटे बच्चे जिन्हें मोबाइल से दूर रखा जाता था उनको बड़े बड़े टच फोन पकड़ा दिए गये.कई घंटो तक बच्चे मोबाइल और लैपटॉप के आगे बैठे रहते.
उपसंहार
कोरोना की पहली लहर में लोगो को जितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था और जिस तरीके से लोगो की जाने चली गयी थी अब दूसरी लहर में उससे थोड़ी कम खराब स्थिति देखने को मिल रही है. लेकिन हालात अब भी सुधरे नही है इसलिए आपको अपना और परिवार वालो का ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि ऐसी कई जगह है जहाँ अब भी कोरोना के नये मामले सामने आ रहे है.
इसलिए हमेशा घर से निकलने पर मास्क लगाना न भूले और समय समय पर अपनी जाँच करवाते रहे. क्योंकि जैसा माहोल पिछले साल दुनिया ने देखा है उसे दोबारा देखने की अब किसी में हिम्मत नही है.
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